माननीय न्यायमूर्ति संजय करोल साहब ने बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ पटना द्वारा आयोजित संगोष्ठि जो ज्ञान भवन पटना में 10 सितम्बर 2023 को हुई को संबोधित करते हुए कहे कि दस हजार सदस्यों के परिवार को प्रमाण, हम संघ के अतिथि नही वरन संघ के परिवार के सदस्य है। बिहार के इतिहास में संघ के द्वारा ऐसा आयोजन पहली बार हुआ है इसके लिए संघ को बहुत बधायी। बिहार, बिहार के लोगो और बिहार के न्याय प्रणाली के लिए जो भी हो सकेगा हम करेंगे। संघ के सदस्यों के माननीय ने अनुरोध किया कि अन्य पक्षों को भी साथ में लेकर एक अन्य सेमिनार का आयोजन किया जाय ताकि समस्याओं का सामाधान किया जा सकें। हमलोग संध के साथ हमेशा ही है और जहॉ भी संघ को हमारी आवश्यकता होगी हमलोग वहॉ उपस्थित रहेगे।
आगे माननीय श्री करोल साहब ने कहा कि न्याय प्रणाली की रीढ की हडडी है सिविल कोर्ट के स्टाफ। न्यायपालिका के इतिहास में मार्च 2020 को भूला नही जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व लगभग खडा हो चुका था परन्तु आप सभी के उपस्थिति के कारण ही न्याय प्रणाली अपना काम करती रही और लोगो तक सुविधाए पहुचती रही। इसके लिए आप सभी को दिल से धन्यवाद। ज्यूडिशीयरी का फस्ट फेज लोअर जुडिशीयरी है तथा एडवोकेट एवं जज के उपर सिविल कोर्ट के स्टाफ का कार्य है। आपके सेवा एवं ईमानदारी को भुलाया नही जा सकता है। अधिवक्ता, न्यायाधीश और कर्मचारी, न्यायिक व्यवस्था के तीन स्तम्भ है। बिहार में बिहार केलोगो की मानसिकता बदलनी है। प्रशासन के तरफ से हमे कभी नाकारात्मकता नही मिली है, मुझे पुरा विश्वास है कि हमारे साथी इस समस्या को देखगे एवं हमारा भीसहयोग रहेगा। आगे माननीय न्यायमूति महोदय ने कहा कि राम सेतु बनाने में गिलहरी जितना योगदान की थी उतना ही सही लेकिन आपके समस्या को सुलझाने में मेरा भी योगदान आवश्यक होगा। संघ, राज्य सरकार से बात करें एवं अगली मिटिंग तुरंत रखे।
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