श्री राम नगरी अयोध्या दर्शन (वैकेशन में जाये राम मंदिर ऐसा मौका नही मिलेगा )
श्री राम नगरी अयोध्या दर्शन
स |
नातन
धर्म में प्रभु श्री राम जी का मुख्य स्थान है| पुराणों और रामायण द्वारा हमने
श्री राम के जीवन का व्याखान पढ़ा है| श्री राम का जन्म त्रेता युग में (द्वापर युग
से पहले) आज से लगभग ५५०० वर्ष पूर्व हुआ था |
श्री राम के जन्म की पौराणिक
कथा:
श्री
राम के जन्म को लेकर अलग अलग मत है पौराणिक मान्यताओ के अनुसार भगवान् श्री राम एक
अवतारी पुरुष थे उन्हें विष्णु जी का सातवाँ अवतार माना जाता है| महिर्षि वाल्मीकि
द्वारा रचित रामायण के अनुसार चैत्र मॉस के शुल्क की नवमी तिथि को पुनर्वषु नक्षत्र
और कर्क लग्न में दिव्या लक्षणोंa से
युक्त सर्वलोकवादिन्त श्री राम जी का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी में हुआ
था| श्री राम अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी पत्नीं कौशलया के पुत्र थे| भगवान् राम बचपन से ही शांत स्वाभाव के थे उन्होंने
मर्यादा को सबसे ऊँचा स्थान दिया जिसके कारण उनका नाम मर्यादा पुरूषोत्तम राम पड़
गया|
अयोध्या का प्राचीन इतिहास :
हिन्दुओ
की मान्यता है की श्री राम के जन्म स्थान पर अयोध्या में एक भव्य मंदिर विराजमान
था जिसे मुगुल आक्रमणकारी बाबर के सेनापति मीर बांकी ने तोड़कर वहा एक मस्जिद बना
दिया| जिसे लोग बाबरी मस्जिद के नाम से जानते है अत: यही कारण है कि ये हमेशा
चर्चा का विषय रहा है की वहा पर मंदिर का या फिर मस्जिद का निर्माण किया जाना
चाहिए |
राम मंदिर एक विवादित मुद्दा:
अयोध्या
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के कारण हमेशा से विवादों में घिरा रहा है राष्ट्रीय
स्वंय सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एव
वहा नया मंदिर बनाने के लिए एक लम्बा आन्दोलन चला, जिसके बाद ६ दिसम्बर १९९२ की एक
रथ यात्रा समापन के दौरान कार सेवको की भीड़ द्वारा यह विवादित ढांचा धवस्त कर दिया
गया| और उस स्थान पर एक अस्थाई मंदिर का निर्माण किया गया जिसके बाद देश भर में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो
गये इनमे हजारो लोगो की जाने भी गई| मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई और उनमे ४९
आरोपी बताये गये इसमें कई बी०जे०पी० और विहिप के नेता भी शामिल थे मामला २८ साल तक
कोर्ट में चलता रहा तथा ३० सितम्बर २०१० को इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ खंडपीठ
ने जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जिसमे उस समय इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने २.७७ एकड़की
विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बाँट दिया था जो रामलला मंदिर, निर्मोही अखाड़े और
मस्जिद के लिए अलग से ५ एकड़ जमीन देने का आदेश दिया| और फिर ५ अगस्त को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था|
राम मंदिर की नक्काशी:
अयोध्या
में बनाये जा रहे राम मंदिर क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि पर ७० एकड़ इलाके
का नक्शा जारी किया गया जिसमे यह बताया गया की इस मंदिर परिसर में क्या क्या
बनेगा?
जानकारी
के मुताबिक मंदिर के निर्माण का एरिया ५७४०० वर्गफीट में होगा राम मंदिर निर्माण
में प्राकृतिक सामग्री का ज्यादा उपयोग किया जायगा साथ ही धार्मिक सास्कृतिक
कलाकृतिक धरोहर का सरंक्षण भी किया जायगा|
राम
मंदिर में कुल पांच शिखर और १२ द्वार होगे जिसके तहत २.७ एकड़ में मुख्य मंदिर होगा
साथ ही कुल पांच मंडप होगे| मंदिर की लम्बाई ३६० फीट व चौड़ाई २३५ फीट होगी मंदिर
की शिखर सहित ऊंचाई १६१ फीट तय है| राम मंदिर में कुल तीन तल होगे प्रत्येक तल की
ऊंचाई २० फीट होगी मंदिर के भूतल में स्तंभों की संख्या १३२ व दुसरे तल में ७४
स्तम्भ होगे अयोध्या होगे|
राम मंदिर का उद्घाटन:
अयोध्या
राम मंदिर के पहले चरण का ७५ फीसदी से ज्यादा का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है
श्री राम मंदिर २२ जनबरी २०२४ यानि मकर संक्रांति के बाद गर्भगृह को राम भक्तो के
लिए खोल दिया जायगा| इसी दिन रामलला अपने विग्रह में विराजेगे |
उद्घाटन के दिन सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के कार्येक्रम बनाये जा रहे
है इसके माध्यम से सम्पूर्ण हिन्दू समुदाय एक होने का सन्देश देने की योजना है देश
के हर क्षेत्र के बड़े मंदिरों में उद्घाटन की लाइव स्क्रीनिंग की व्यवस्था की
जायगी और इसमें सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो इसके लिए डिजिटल माध्यम द्वारा उन सभी
लोगो को उद्घाटन कार्येक्रम से जोड़ा जा सकेगा, जिनकी भावनाए राम मंदिर के साथ जुडी
हुई है
जय
श्री राम।
n अभिलेखिका
- माधुरी शर्मा
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