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पार्थिव शिवलिंग पूजा विधि : मिट्टी के शिव जी कैसे बनाए जाते हैं?

 



मिट्टी के शिव जी कैसे बनाए जाते हैं?

पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए सिर्फ पवित्र नदी, तालाब या बेल के पेड़ की मिट्‌टी का ही उपयोग करें. मिट्‌टी में दूध मिलाकर उसे शोधित करें. अब पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके मिट्‌टी में गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर एक बड़ी सी पूजा की थाल में पार्थिव शिवलिंग बनाएं. इस दौरान शिव मंत्र का उच्चारण करें. (शहरों में लोग पेंट/चूना बेचने वाले दुकान से आप रामराज्‍य मिटटी खरीदकर पार्थिव शिवलिंग बना रहे है)

 

कैसे बनाये पार्थिव शिवलिंग....... 

इसके लिए छानी हुई शुद्ध मिट्टी, गाय का गोबर, गुड़, मक्खन , शहद ,चन्दन और भस्म मिलाकर शिवलिंग का निर्माण करें. शिवलिंग की ऊँचाई 12 अंगुल से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए. पार्थिव शिवलिंग के पूजन से जन्म -जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. (लोग अपने अपने सामर्थ के अनुसार पार्थिव शिवलिंग की संख्‍या ररखते है। कम से कम 101....

साधारण 1001, अच्‍छा 5001, उत्‍तम 10001 या जितना अधिक हो सके। 

 

शिवलिंग पर प्राण-प्रतिष्ठा करना हमेशा से ही वर्जित माना गया है। शिव स्थापना में नंदी जी की मूर्ति शिव की और मुख किये हुए स्थापित करना अत्यावश्यक है तथा शिव के दाहनी और त्रिशूल का स्थापित करें। उसके साथ साथ अन्य शिवप्रिय वस्तुओं का समावेश अवश्य करें

 

कुछ लोग प्रत्‍येक माह के तेरस ति‍थि को पार्थिव शिवलिंग स्‍थापित कर करते है पूजन। एक वर्ष में कम से कम बनाते है 11001 ग्‍यारह सौ से अधिक पार्थिव शिवलिंग, ऐसे लोगो पर होती है भगवान शिव की असीम कृपा। कम से कम सावन माह मेंं प्रत्‍येक तिथि को अवश्‍यक करे पार्थिव शिवलिंग की पूजा। 

 

पार्थिव शिवलिंग का षोडशोपचार विधि से पूजन करें. शिवलिंग पर जल, रोली, दूध, दही, घी, शहद, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, शिव के प्रिय पुष्प, भांग, भस्म, इत्र, आदि अर्पित करें. भोलेनाथ को भोग लगाकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. शिव चालीसा का पाठ भी उत्तम माना जाता है.

 

पार्थिव पूजन कैसे किया जाता है?

 

पार्थिव शिवलिंग पूजा विधि- Parthiv shivling puja vidhi:-

1.    मिट्टी के शिवलिंग बनाकर उसे किसी शुद्ध पात्र में या पाट पर स्थापित करें

2.    इसके बाद धूप और दीप प्रज्वलित करके कर्पूर जलाएं।

3.    अब उस शिवलिंग पर थोड़ा सा जल अर्पित करें

4.    इसके बाद पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर अर्पित करें

5.    अब पुन: थोड़ा सा जल अर्पित करें

6.    पार्थिव शिवलिंग का षोडशोपचार विधि से पूजन करें. शिवलिंग पर जल, रोली, दूध, दही, घी, शहद, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, शिव के प्रिय पुष्प, भांग, भस्म, इत्र, आदि अर्पित करें. भोलेनाथ को भोग लगाकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. शिव चालीसा का पाठ भी उत्तम माना जाता है

 

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